
नई दिल्ली. भारत के साथ लगातार चल रही सैन्य कमांडर लेवल की बातचीत के बावजूद चीन पूर्वी लद्दाख के फिंगर एरिया से पीछे जाने को तैयार नहीं है. Live samachar हालांकि चीन टकराव वाले इलाकों गलवान, और गोगरा पोस्ट एरिया से अपनी सेनाएं पूरी तरह पीछे करने के लिए तैयार है.

समाचार एजेंसी ANI से बातचीत में सरकार के एक सूत्र ने बताया है कि चीनी सेना फिंगर आठ एरिया के पास से पूरी तरह हटने को तैयार नहीं है.
गौरतलब है कि पहले भी ऐसी आशंकाएं जताई जा रही थीं कि चीन को फिंगर आठ से पीछे लेकर जाना भारत के लिए बड़ी चुनौती होगी. लेकिन फिंगर चार के इलाके में चीन ने अपने स्ट्रक्चर अब हटाने शुरू कर दिए हैं.
हालांकि भारत की तरफ से बिल्कुल साफ कर दिया गया है कि दोनों सेनाओं को अप्रैल-मई में विवाद से पहले वाली पोजीशन पर जाना होगा.
इससे पहले समाचार एजेंसी पीटीआई ने खबर दी थी कि भारतीय सेना ने चीनी सेना को स्पष्ट संदेश दे दिया है कि अगर वास्तविक नियंत्रण रेखा पर शांति बनाए रखनी है तो सभी प्रयास करने होंगे.
Indian Army LIVE Samachar
इंडियन आर्मी ने करीब 16 घंटे तक चली बातचीत में चीनी सेना को यह ‘स्पष्ट संदेश’ दिया है कि पूर्वी लद्दाख में आवश्यक तौर पर पहले जैसी स्थिति बहाल की जाए. साथ ही LAC पर शांति एवं स्थिरता वापस लाने के लिए सभी प्रोटोकॉल का पालन
लद्दाख में तनाव कम करने के लिए भारत और चीन के बीच डिप्लोमैटिक और मिलिट्री लेवल की बातचीत जारी है, लेकिन पूर्वी लद्दाख में चीन सैन्य तैनाती भी बढ़ा रहा है।
एलएसी के करीब उसने 20 हजार सैनिक बढ़ाए हैं। शिनजियांग में सेना की गाड़ियां और हथियार जमा किए गए हैं
यह भारतीय सीमा तक 48 घंटे में पहुंचाए जा सकते हैं।
दूसरी तरफ, भारत भी जवाबी तैयारी कर रहा है। सितंबर और अक्टूबर के बीच यहां बर्फबारी शुरू होती है। इसके पहले हालात सुधरना मुश्किल नजर है।
बातचीत के बीच चीन की हरकतें
न्यूज एजेंसी ने सरकारी सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट तैयार की है।
इसके मुताबिक, “भारत चीनी सेना की हर हरकत पर नजर रख रहा है। 6 हफ्ते से बातचीत जारी है लेकिन
चीन के सैनिकों की संख्या और हथियारों की तैनाती कम होने के बजाए बढ़ती जा रही है।” तिब्बत के क्षेत्र में भारत और चीन की हमेशा दो डिवीजन (20 हजार सैनिक) तैनात रहती हैं, लेकिन इस बार चीन ने लगभग इतने ही जवानों की तैनाती और की है।
बराबरी पर भारत Live Samachar
चीन ने अगर दो डिवीजन बढ़ाईं तो भारतीय सेना ने भी इस सेक्टर के लिए ट्रैंड दो डिवीजन बढ़ा दिए।
टैंक्स और बीएमपी-2 इन्फैंट्री के साथ कॉम्बैट व्हीकल भी हवाई रास्ते से लाए जा चुके हैं। दौलत बेग ओल्डी यानी DBO में भी आर्म्ड ब्रिगेड मोर्चा संभाल चुकी है।
फिलहाल, पूर्वी लद्दाख में सुरक्षा का जिम्मा त्रिशूल इन्फेंट्री डिवीजन के पास है। यहां इसकी तीन ब्रिगेड तैनात हैं।
चीन डीबीओ से गलवान और काराकोरम तक बढ़ने की कोशिश कर रहा है। लिहाजा, भारत भी यहां एक और Division की तैनाती पर विचार कर रहा है।
चीन के पास बहुत बड़ी बोट
पेंगौंग त्सो लेक से कुछ दूरी पर फिंगर चार इलाका है। यहां चीनी सेना का बेस है। लेक में चीन ने पेट्रोलिंग के लिए बड़ी बोट्स लगाई हैं।
फिंगर पांच से आठ के बीच चीन ने सड़क भी बनाई है। यहां से वह अपने सैनिकों को मोर्चे पर भारत की तुलना में ज्यादा जल्दी भेज सकता है। लेक के करीब चीन मिलिट्री इन्फ्रास्ट्रक्चर भी रेडी कर रहा है।
लंबा चलेगा तनाव
18 और 19 के बीच पेंगौंग लेक के करीब चीन के करीब 2,500 सैनिक बढ़े थे। उस वक्त भारत के यहां सिर्फ 200 जवान थे।
चीनी नहीं चाहते थे कि फिंगर 3 एरिया के आगे भारतीय जवान पेट्रोलिंग करें। दोनों देशों के बीच सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर बातचीत जारी है।
एक्सपर्ट्स मानते हैं कि september-october में बर्फबारी शुरू होने के पहले तनाव कम नहीं होगा। क्योंकि, तब यहां तैनाती बेहद मुश्किल होगी।
भारत भी जानता है कि तनाव लंबा चलेगा। लिहाजा, तैयारियां भी वैसी ही की गई हैं।
बर्फ में तब्दील हो जाती है गलवान नदी
सूत्र बताते हैं कि गर्मियों में गलवान नदी में बहाव तेज होता है।
तब यहां चीनी आर्मी को काफी मुश्किल होगी। लेकिन, सर्दियों में काम आसान होगा क्योंकि लेक बर्फ में तब्दील हो जाती है।
Order Viagra From India
Stromectol
Elevex Kamagra
I think this is one of the most vital information for me.
And i am glad reading your article. But should remark on few general things,
The web site style is great,
the articles is really excellent
: D. Good job, cheers
buying priligy online