झारखंड

सियासी संकट में घिरी झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने कर्मचारियों का पुरानी पेंशन योजना लागू किया

झारखंड में गुरुवार से ओल्ड पेंशन योजना लागू हो गई.राज्य मंत्रिमंडल ने इसके सियासी संकट में घिरी झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने कर्मचारियों का पुरानी पेंशन योजना लागू किया लिए मानक संचालन प्रक्रिया को मंजूरी दी. ओल्ड पेंशन योजना एक अप्रैल 2004 को बंद कर दी गई थी| और इसकी जगह पर राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) लागू कर दी गई थी. कैबिनेट सचिवालय विभाग में प्रधान सचिव वंदना दादेल ने कहा कि 15 जुलाई को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में ओल्ड पेंशन योजना को लागू करने और नई पेंशन योजना को बंद करने का फैसला लिया गया| योजना को पूरा करने के लिए एक एसओपी बनाया जाएगा. इस एसओपी को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है. योजना को एक सितंबर से प्रभावी माना जाएगा|

सियासी संकट में घिरी झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने कर्मचारियों को बड़ी सौगात दी है। सोरेन सरकार की कैबिनेट ने 1 सितंबर को पुरानी पेंशन स्कीम को अपनी मंजूरी दे दी है। यह योजना गुरुवार यानी कि 1 सितम्बर 2022 से लागू होगी। इसके लागू होने के साथ ही 1 दिसंबर 2004 से लागू नई अंशदायी पेंशन योजना खत्म हो जाएगी।

राज्य में अभी लगभग 1.95 लाख स्थाई अधिकारी और कर्मचारी हैं। इनमें से 1.25 लाख नई पेंशन योजना के दायरे में हैं, जो 2004 में अंशदायी पेंशन योजना लागू होने के बाद नियुक्त हुए हैं। इन्हें इसका सीधा लाभ मिलेगा। राजस्थान, छत्तीसगढ़ के बाद इस योजना को लागू करने वाला झारखंड तीसरा राज्य बन गया है।जो की कर्मियों मे खुशी की लहर है|

SOP के सुझावों के आधार पर लिया गया निर्णय

राज्य में पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने के लिए सरकार की तरफ से स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) बनाने के लिए विकास आयुक्त की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया था। इन्हीं के सुझावों के अध्ययन के आधार पर मुख्य सचिव ने इसका पूरा खाका तैयार किया है। इसमें भविष्य में आने वाली तमाम खामियों के समाधान का भी ख्याल रखा गया है।

ओल्ड पेंशन योजना का लाभ लेने के लिए कर्मियों को इन शर्तों का करना होगा पालन

1. जो सरकारी कर्मचारी योजना का लाभ लेना चाहते हैं, उन्हें इस बात का एफिडिवेट देना होगा कि उन्हें स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) की शर्ते मान्य हैं। कर्मचारियों की तरफ से किसी प्रकार की अतिरिक्त वित्तीय दावा राज्य सरकार से नहीं किया जाएगा।

2. एफिडेविट के तहत कर्मचारियों के नई अंशदायी पेंशन योजना के तहत वेतन से की जा रही 10 प्रतिशत मासिक अंशदान की कटौती (1 सितम्बर 2022 यानी सितम्बर माह के वेतन से) समाप्त हो जाएगी।

3. नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) से सरकारी अंशदान और उस पर अर्जित ब्याज की राशि सीधे राज्य सरकार को अगर नहीं मिलती है, तो उस स्थिति में कर्मचारियों के सेवानिवृत्ति के बाद सरकारी अंशदान और उस पर अर्जित ब्याज की राशि संबंधित कर्मचारियों को सरकारी कोष में जमा करना होगा।

4. सरकारी अंशदान और उस पर अर्जित ब्याज की राशि NSDL की मिलने की स्थिति में भविष्य के पेंशन के भुगतान को एक अलग निधि में रखा जाएगा।

5. ऐसे सरकारी कर्मचारी जिन्हें नई अंशदायी पेंशन योजना में सेवानिवृत्ति के बाद या उसके मृत्यु होने के बाद उनके परिजनों को सेवानिवृत्ति का लाभ मिल चुका हैं, ऐसे मामलों में अलग से दिशा-निर्देश जारी किया जाएगा।

यहां समझिए, नई पेंशन स्कीम से क्या था नुकसान

न्यू पेंशन स्कीम में कर्मचारी के वेतन में से 10 प्रतीशत कटौती होती थी। उतना ही सरकार मिलाकर उसे निवेश करती थी। यह निवेश शेयर मार्केट की तरह उतार चढ़ाव पर आधारित होता था। रिटायरमेंट पर उसका जितना पैसा बनता था, उसका 60℅ उन्हें भुगतान करने का प्रावधान था। शेष 40 ℅ फिर से निवेश करने का प्रावधान था। इसमें से पेंशन का प्रावधान था, जो नहीं के बराबर था। रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी की मौत पर उनके आश्रित पति-पत्नी को किसी तरह की पेंशन का प्रावधान नहीं था और यह 40 फीसदी राशि भी सरकार के पास चली जाती थी। अब कर्मचारियों को इससे छुटकारा मिल जाएगा।

झारखंड में लागू पुरानी पेंशन स्कीम को जानिए:

1.25 लाख परिवारों को मिलेगा लाभ, OPS लागू करने वाला झारखंड तीसरा राज्य

अब जान लीजिए क्या है ओल्ड पेंशन स्कीम

ओल्ड पेंशन स्कीम में कर्मचारी को उसके मूल वेतन का 50 फीसदी हिस्सा पेंशन के रूप में दिया जाता है। इसमें कर्मचारियों का महंगाई भत्ता शामिल होता है। साथ ही डीए भी शामिल होता है। आम कर्मचारियों की तरह की पेंशनधारियों को भी हर छह माह में डीए में होने वाले बदलाव का लाभ मिलता है। इसके साथ ही पेंशन कमीशन के लागू होने पर पेंशन रिवाइज्ड होने का लाभ मिलता है। पेंशनधारी के 80 वर्ष उम्र होने पर मूल पेंशन का 20 फीसदी बढ़ोत्तरी होता है, जो 85 साल होने पर 30 फीसदी, 90 साल होने पर 40 फीसदी, 95 साल होने पर 50 फीसदी और 100 साल होने पर 100 फीसदी बढ़ता है। स्पष्ट शब्दों में कहें तो पेंशनधारक की उम्र 100 होने पर पेंशन दोगुना हो जाता है।

सियासी संकट में घिरी झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने कर्मचारियों का पुरानी पेंशन योजना लागू किया
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