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गैंग्स ऑफ वासेपुर वाले मनोज बाजपेयी के कुछ घटनाएं

गैंग्स ऑफ वासेपुर और शूल जैसी मूवी और द फैमिली मैन जैसी धाकड़ web series  अपनेacting का लोहा मनवाने वाले स्टार अभिनेता मनोज बाजपेयी को हाल ही में बेस्ट एक्टर का सम्मान मिला है। नए जमाने के सिनेमा में मनोज बाजपेयी ने एक खास पहचान बनाई है। अपने बेजोड़ एक्टिंग के दम पर मनोज, आज कल युवाओं के सबसे पसंदीदा अभिनेताओं में से एक हैं। मूल रूप से बिहार के रहने वाले मनोज बाजपेयी को अनुराग कश्यप की फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर से खास पहचान मिली, उसके बाद वह हर दिन के साथ नई बुलंदियों को छूते गए।

अभिनय की दुनिया के बादशाह मनोज बाजपेयी सरल जीवन जीना पसंद करते हैं। कई इंटरव्यू में वह कह चुके हैं कि उन्हें गांव की सादी जिंदगी जीना ज्यादा पसंद है। आइए आगे की स्लाइडों में अभिनेता मनोज बाजपेयी की लाइफस्टाइल के बारे में विस्तार से जानते हैं।

कितनी है मनोज बाजपेयी की संपत्ति
मनोज बाजपेयी उन अभिनेताओं में से एक हैं जिन्हे जमीन से काफी जुड़ा हुआ माना जाता है। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मनोज बाजपेयी की कुल संपत्ति करीब 147 करोड़ रुपये की है। इसके अलावा वह कई विज्ञापनों से भी करोड़ों की कमाई करते हैं।

 

कारों के हैं शौकीन
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक मनोज बाजपेयी को लग्जरी गाड़ियों का शौक है। द फैमिली मैन में भले ही वह एक पुरानी गाड़ी से चलते हुए दिखाई देते हैं, पर असल जीवन इससे बिल्कुल अलग है। रिपोर्टस के मुताबिक मनोज बाजपेयी के पास बीएमडब्ल्यू,  स्कॉरपियो और टोयोटा फॉर्च्यूनर जैसी गाड़ियां हैं।

 

कई अवार्डस से हो चुके हैं सम्मानित
मनोज बाजपेयी को अक्सर कहते हुए सुना गया है कि दर्शकों का प्यार ही उनके लिए सबसे बड़ा अवार्ड है। इसके इतर साल 2021 में वह नेशनल फिल्म अवार्ड फार बेस्ट एक्टर, साल 2019 में पद्मश्री, साल 1999 और 2000 में बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर के सम्मान से सम्मानित हो चुके हैं।

 

कई फिल्में दर्शकों के दिमाग पर छाई रहीं
मनोज बाजपेयी ने अपने अभिनय के दम पर दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाई है। अलीगढ़, सत्या, गैंग्स ऑफ वासेपुर, आरक्षण, पिंजर जैसी फिल्मों में उनके अभिनय ने साबित कर दिया कि मनोज बाजपेयी की कला का कोई जवाब नहीं है।

मनोज बाजपेयी (Manoj Bajpayee) ना सिर्फ ऑन-स्‍क्रीन बल्कि ऑफ स्‍क्रीन भी ‘फैमिली मैन’ हैं। पर्सनल लाइफ की बात करें तो वह शबाना (Shabana) के पत‍ि हैं और बेटी Ava के पिता हैं। मनोज इन दिनों अपनी हाल ही में रिलीज हुई वेब सीरीज की सक्‍सेस को इंजॉय कर रहे हैं लेकिन क्‍या आपको मालूम है कि एक वक्‍त था जब उनकी पत्‍नी भी ऐक्‍ट्रेस थीं? हालांकि, फिल्‍मों में आने के लिए कुछ ऐसा हुआ जिससे वह खुश नहीं थीं। क्‍या था पूरा मामला, आइए जानते

 

दरअसल, शबाना ने नेहा के नाम से बॉलिवुड में बॉबी देओल के साथ फिल्‍म ‘करीब’ से डेब्‍यू किया था। इसके बाद वह अजय देवगन के साथ ‘होगी प्‍यार की जीत’ और रितिक रोशन के साथ ‘फिजा’ जैसी फिल्‍मों में दिखीं। गूगल करने पर आज भी वह नेहा के नाम से ही मिलती हैं, ना कि शबाना।

 

तमाम सिलेब्रिटीज ने फिल्‍मों के लिए अपने असली नाम बदले लेकिन शबाना कभी भी नेहा बनने के पक्ष में नहीं थीं। वह नाम बदलने के विचार के खिलाफ थीं। 2008 में एक इंटरव्‍यू में शबाना ने बताया था कि कैसे बॉलिवुड में आने से पहले उन पर नाम बदलने का ‘दबाव’ बनाया गया।

 

शबाना ने कहा था, ‘मैं कभी नेहा नहीं थी। मैं हमेशा शबाना थी। नाम बदलने के लिए दबाव बनाया गया और मैं इसके साथ बिल्‍कुल भी तैयार नहीं थी। मेरे पैरंट्स ने गर्व से मेरा नाम शबाना रखा था। इसे बदलने की कोई जरूरत नहीं थी लेकिन किसी ने मेरी नहीं सुनी। जब मैंने इंडस्‍ट्री में कदम रखा, मैं काफी मच्‍योर हो चुकी थी। मैं पहले हर चीज को लेकर बहुत आशंका में रहती थी लेकिन अब मैं चीजों को बेहतर तरीके से समझती हूं।’

 

 

इसके बाद संजय गुप्‍ता की फिल्‍म ‘अलीबाग’ के लिए शबाना अपना असली नाम यूज कर सकीं। ऐक्‍ट्रेस ने बताया था, ‘यही वजह थी कि संजय और अलीबाग की पूरी टीम के साथ काम करना मेरी जिंदगी का सबसे अच्‍छा अनुभव रहा। मैंने संजय से कहा कि मैं अपने असली नाम के साथ काम करना चाहती हूं और वह इसके लिए तैयार थे। मैं अपनी पहचान खो दी थी और अब मुझे यह वापस मिल गई।’

 

शबाना आखिरी बार 2009 में रिलीज हुई फिल्‍म ‘एसिड फैक्‍ट्री’ में नजर आई थीं। ऐक्‍ट्रेस का फिल्‍मी करियर काफी छोटा रहा है लेकिन उन्‍होंने तमिल और कन्‍नड़ भाषाओं की फिल्‍मों में भी काम किया है।

 

मनोज बाजपेयी ने थिएटर से टीवी और टीवी से फिल्मों तक का बड़ा लंबा सफर तय किया है. अपने रोल के प्रति उनकी खास अप्रोच उनके किरदारों को यादगार बना देती है.

23 अप्रैल बॉलीवुड स्टार मनोज बाजपेयी का जन्मदिन है और वो 49 साल के हो गए हैं, मनोज बाजपेयी उन कालाकारों में से हैं जो छोटी सी जगह से उठकर आए और अपनी काबिलियत के दम पर बॉलीवुड में जगह बनाई. वो अपनी दमदार एक्टिंग के लिए जाने जाते हैं. लेकिन आज हम उनकी फिल्मी जिंदगी नहीं बल्कि उनकी पर्सनल लाइफ के बारे में बात करेंगे.

 

 

मनोज बाजपेयी का जन्म बिहार के चंपारण के पास के एक छोटे से गांव में हुआ था. वो एक किसान परिवार में पैदा हुए जहां उनके पिता किसानी करते थे और मां घर संभालती थी. वो पांच भाई- बहनों में दूसरे नंबर पर हैं जब मनोज एनएसडी के बाद दिल्ली में काम के लिए लगातार स्ट्रगल कर रहे थे, तब वे अपनी बहन को दो रुपये का सिक्का देकर बस में बिठा देते थे और खुद पैदल अपने थिएटर ग्रुप तक जाते थे.

 

पहली शादी 2 महीने चली

मनोज ने अपने स्ट्रगलिग के दौर में दिल्ली की एक लड़की से शादी की थी लेकिन दोनों की शादी लंबे समय तक नहीं चल पाई. कहा जाता है कि मनोज और उनकी पहली पत्नी 2 महीने में ही अलग हो गए थे. उनके अलग होने की वजह मनोज का स्ट्रगलिंग टाइम माना जाता है.

 

सुसाइड करने की थी कोशिश

सत्या, शूल, जुबैदा, पिंजर, अलीगढ़ ऐसी ही कई कमाल की फिल्में देने वाले मनोज बाजपेयी को बचपन से ही थिएटर में रुचि थी और एनएसडी के बाद तो एक अलग ही मनोज नजर आने  लगे थे. मनोज बाजपेयी का संघर्ष हम सबके  लिये मिसाल है. उन्होने एनएसडी की पढ़ाई से लेकर दिल्ली के स्ट्रगल तक घर से एक पैसा नहीं लिया था. आपको बता दें कि मनोज बाजपेयी को एनएसडी ने चार बार रिजेक्ट किया था इसके बाद उन्होंने सुसाइड का मन बना लिया था, लेकिन बाद में दोस्तों के समझाने के बाद वे नुक्कड़-नाटक में एक्टिंग करते रहे।  उन्होंने नुक्कड़ नाटकों के साथ थिएटर भी करना शुरू कर दिया । उन्होने एक मिनट की फिल्म ‘द्रोहकाल'(1994) से बतौर एक्टर डेब्यू किया.

 

शॉर्ट फ़िल्मों से कमाया नाम

मनोज बाजपेयी ने कई यादगार और बेहतरीन शॉर्ट फ़िल्मों में भी काम किया है. ‘कीर्ति’ इस शॉर्ट फ़िल्म में मनोज बाजपेयी नजर आए हैं राधिका आप्‍टे और नेहा शर्मा के साथ. वैसे आपको बता दें कि इनकी ये शॉर्ट फ़िल्म काफी कॉन्‍ट्रोवर्सी में रही. इसके बावजूद लोगों ने इसको खूब पसंद किया. ‘आउच’ मनोज बाजपेयी की इस शॉर्ट फ़िल्म को आपने नहीं देखा तो कुछ भी नहीं देखा. मनोज बाजपेयी स्‍टारर शॉर्ट फ़िल्म ‘तांडव’ में आपको कुछ ऐसा देखने को मिलेगा, जिसे आपने सोचा भी नहीं होगा. फ़िल्म में आपको मनोज बाजपेयी की एक्‍टिंग का बेजोड़ कारनामा देखने को मिलेगा. फ़िल्म को निर्देशित किया है देवाशीष माखिजा ने. मनोज बाजपेयी और रवीना टंडन पर फ़िल्माई गई शॉर्ट फ़िल्म ‘जय हिन्द’ भी आपको चंद शब्‍दों में बहुत कुछ बता जाएगी. मनोज शॉर्ट फ़िल्मों से भी छाप छोड़ने में कामयाब

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