
झारखंड में साहिबगंज जिला इकलौता ऐसा जिला गंगा नदी के तट पर बसा हुआ है और इस जिला के सैकड़ों किलोमीटर तटीय इलाके जहां से गंगा नदी गुजरती है वहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु भक्तगण एक साथ और एक समय में हजारों हजार के संख्या पर दीप और जल दूध का समर्पण कर प्रकृति में शुद्धता लाने का काम करते हैं विशेष रूप से महादेव गंज किशन प्रसाद बड़ीकोदर्जनना मिर्जाचौकी पीरपैंती साहिबगंज सकरी गली महाराजपुर रामपुर दियारा राजमहल बरहरवा सभी ऐसे जगह है जहां पर छठ व्रत को मनाने वाले हजारों श्रद्धालु एक साथ शाम और सुबह गंगा के तट पर पहुंचते हैं
कई प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन इन घाटों पर किया जाता है हमारे जीवन में हमारे व्रत और त्योहार अत्यंत महत्वपूर्ण हैं और इन त्योहारों को रोचक बनाने के लिए और इसमें सहयोग करने के लिए अनेकों प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम घाट पर रोशनी की व्यवस्था पूजा पंडाल स्टॉल लगाकर पूजन सामग्रियों का वितरण करने के लिए कई सामाजिक संगठन आगे आते हैं इसी प्रकार के कार्यक्रम में महादेव गंज के ऐतिहासिक घाट जो पत्थर घाट के नाम से जानी जाती है वहां और किशन प्रसाद के छठ घाट पर जनहित क्लब महादेवगंज साहिबगंज के द्वारा स्टॉल लगाकर पूजन सामग्री जैसे दूध अगरबत्ती मोमबत्ती दातून पीने का जल और घाट पर संबोधित रोशनी का व्यवस्था कराया गया है इस आयोजन के संबंध में क्लब के अधिकारी और सदस्य जैसे अनुराग राहुल संजय कुमार सिंह सुनील कुमार यादव श्रीकांत कुमार साह बबन यादव शत्रुघन यादव इंस्पेक्टर श्री रविंदर यादव भारतीय सेना के जवान जय जय राम यादव जनहित क्लब के अध्यक्ष श्री माखन लाल यादव दुर्गा रविदास छोटू रविदास पंचायत समिति सदस्य किरण देवी गंगा प्रसाद पूर्व मध्य के मुखिया प्रतिनिधि प्रकाश मंडल सामाजिक कार्यकर्ता कुंदन कुमार मंडल सभी लोगों ने बताया कि आस्था के इस महान पर्व पर इस प्रकार की सेवा करके मन को शांति और सुख की प्राप्ति होती है
वही आपको बताते चलें कि बलराम कुमार मंडल और अमन कुमार सिंह पूरे घाट पर ड्रोन कैमरे के माध्यम से घाट की निगरानी करते रहे ताकि किसी को भी कोई प्रकार की परेशानी न हो और इस पावन पवित्र अवसर को अपने कैमरे में कैद करके इस पल को यादगार बनाने में अपनी अहम भूमिका निभाई
मुफ्फसिल थाना साहिबगंज के थाना प्रभारी समेत उनकी टीम के द्वारा इस आस्था के महापर्व के पवित्र अवसर पर छठ व्रतियों के बीच फल वितरण कराई गई और पूरी पुलिस प्रशासन की टीम इन घाटों पर लूटने वाले लोगों के बीच सहयोग पूर्वक शांति व्यवस्था बनाया ताकि पूजा करने वाले सरलता पूर्वक अपने अपने पूजन को कर सके।
इस प्रकार सब मिलाजुला कर इस बार का व्रत शांति पूर्ण एवं सौहार्दपूर्ण वातावरण में संपन्न कराई गई अंत में आपको बताते चलें कि गंगाजल रिकॉर्डिंग स्टूडियो महादेवगंज साहिबगंज झारखंड के डायरेक्टर सुमन राज एवं उनके टीम के सदस्यों ने अपने स्टूडियो के तरफ से घाटों पर उपस्थित होकर व्रत करने वाले लोगों के बीच गाय का दूध वितरण कराया।
आस्था का महापर्व मानव जीवन के दो महत्वपूर्ण पहलू है सुख और दुख इन्हीं दोनों के बीच मनुष्य अपने जीवन को लेकर आगे बढ़ता है जीवन के कड़ी को रोचक और आशावादी बनाने के लिए समाज के निर्माताओं ने समाज में कुछ विधि और विधान निर्धारित किया ताकि जब हमारा जीवन नीरस लगने लगे तो समय निकालकर हम उस हसीन और आनंददाई बना दे इसी कड़ी में मानव समाज में त्यौहारों को रखा गया जहां त्योहारों को करने से हमारे समाज रुपी जीवन में बाहरी बदलाव आता है वही हमारे व्यक्तिगत जीवन में आंतरिक बदलाव के साथ असीम ऊर्जा प्राप्त होती है इस कड़ी में अगर हम बात करें 4 दिनों तक चलने वाली आस्था के महापर्व छठ का तो एक अपना अलग स्थान होता है
4 दिनों तक चलने वाला यह आस्था का महापर्व विशेष रुप से उत्तर भारत में कार्तिक मास मैं मनाया जाता है जहां पर उत्तर भारत में बरसात के मौसम में समाप्त होती है और शरद ऋतु का आगमन होता है इन दोनों ऋतुओ संगम के पावन अवसर पर यह पर्व मनाया जाता है।
आस्था के इस महान पर्व में सूर्य देवता जो प्रकृति के साक्षात ईश्वर हैं इनकी पूजा की प्रधानता होती है संसार के ऊर्जावान देवता सूरज साक्षात रूप में प्रकृति में मौजूद है और हम इस छठ परब के पवित्र अवसर पर डूबते हुए सूरज और उगते हुए सूरज को दूध जल समर्पित कर हम अपनी भावना को प्रदर्शित करते हैं हम यह बताना चाहते हैं कि दोनों ही स्थितियां हमारे लिए एक बराबर है हम जाने वाले का भी स्वागत करते हैं और आने वाले का भी अभिनंदन करते हैं
आस्था के इस पर्व में प्रकृति में पदस्थ सभी प्रकार के फल और फूलों का प्रधानता से प्रयोग किया जाता है अगर हम इसको आस्था के रूप में दिखे तो हम अपने आराध्य देव को सब कुछ समर्पित करना चाहते हैं वहीं अगर इनका हम वैज्ञानिक प्रयोजन जानने की इच्छा रखे तो अनेकों प्रकार के फल जैसे सेव केला नारंगी नाशपाती पानी फल नारियल मूली शरीफा गन्ना सुथनी और अनेकों प्रकार के पकवान जो हमें औषधीय रूप में प्राप्त होती है और इन्हें एक साथ ग्रहण करने से अनेकों प्रकार के दुर्लभ बीमारियों को दूर करने और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का कार्य करता है।
अगर हम बात वेद और पुरान का करे तो उगते और डूबते हुए सूरज को दूध और जल अर्पण करने से एक अनोखी किरण उत्पन्न होती है जो हमारे शरीर का स्पर्श होकर हमें आंतरिक और अदृश्य ऊर्जा प्रदान कर जाती है वही सूर्य की किरणें दूध और जल के त्रिकोणीय संयोजन से इस प्रकार की औषधि आवरण का निर्माण होता है जो कई प्रकार के हानि कीड़ों को नाश करता है और विशेष रूप से भूमि को शुद्ध कर जाता है।
अनेकों कामनाओं का फलदायक के रूप में लोग इस पर्व को मनाते हैं लोगों का मान्यता है कि छठ पर्व करने से और इसके उपासक बनने से हमारी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है अगर इस बात को हम नहीं भी माने तो जिस प्रकार हम सदियों से इसे करते आ रहे हैं वह इस बात को सिद्ध करने के लिए काफी है।