झारखंडसाहेबगंज

अब स्कूलों में बनेगा जाति प्रमाण पत्र

अब स्कूलों में बनेगा जाति प्रमाण पत्र
अगर आप देश के अंदर या किसी राज्य के अंदर निवास करते हैं तो आपके लिए जरूरी होता है कि उस देश अथवा उस राज्य के द्वारा निर्धारित किए गए सरकार के मापदंड को पूरा करना आपको यहां पर यह जानना आवश्यक होगा कि जब भी हम किसी योजना में सरकारी लाभ की बात करते हैं तो फिर सरकार एक पैमाना तय करती है इस योजना का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक कैसे पहुंचाई जाए ऐसा कौन सा तरीका अपनाया जाए जो इस योजना के वास्तविक लाभुक हैं 59 या लाभ पहुंच जाए ऐसे में सरकार कुछ मानक इकाई तय करती है और फिर उस मानक इकाई को आपको पूरा करना होता है जिसके आधार पर आप सरकारी लाभ या सरकारी सेवा जैसे लाभ प्राप्त कर सकें अगर हम इससे योजना का झारखंड जैसे प्रदेश की बात करें तो झारखंड राज्य अपने राज्य के अधीन आरक्षण नियमावली का किया आरक्षण रोस्टर का पालन करता है जहां पर प्रत्येक व्यक्ति को कोटी वार तथा जातिवार आरक्षण का लाभ दिया जाता है इसको लेकर हमेशा जाति प्रमाण पत्र बनाना एक चुनौती का कार्य होता है इसके लिए विशेष रुप से स्कूल और कॉलेज के विद्यार्थियों की सबसे ज्यादा जरूरत जाति प्रमाण की होती है और वह लोग इस कार्य हेतु हमेशा अंचल कार्यालय का चक्कर लगाते हैं और कई दिन लग जाता है जाति प्रमाण पत्र बनाने में इसका दुष्परिणाम यह होता है कि समय से उनकी जाति प्रमाण पत्र नहीं बन पाती है यह बनाने के क्रम में बिचौलियों और दलालों का सहारा लिया जाता है किंतु अब इन जैसे लोगों से छुटकारा कैसे मिले इसके लिए सरकार ने रास्ता ढूंढ निकाली है वह रास्ता क्या है आइए हम आपको बताते हैं

अब स्कूलों में बनेगा जाति प्रमाण पत्र
अब स्कूलों में बनेगा जाति प्रमाण पत्र

1 स्कूल में पढ़ने वाले अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति और अत्यंत पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं जो हो वर्ग 1 से 12 तक में पढ़ाई कर रहे हैं उनका प्रमाण पत्र अब स्कूल के द्वारा ही ही बनाया जाएगा या यूं कहें कि उन बच्चों का जाति प्रमाण पत्र बनाने से संबंधित सारी प्रक्रियाओं को पूरा करने की संपूर्ण जवाबदेही विद्यालयों को दी गई है ऐसे में जाति प्रमाण पत्र बनाना एक सरल प्रक्रिया हो जाएगी और वैसे छात्र-छात्राएं जो अंचल कार्यालयों का चक्कर काटते थे अथवा बिचौलियों के द्वारा पैसा लूटने से बच सकते हैं
2 जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए 1950 का खतियान के वाला या जमीन का खजाना रसीद प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा इन अभिलेखों में उनके जाति का वर्णन मिलता है साथ ही सक्षम न्यायालय द्वारा अभ्यर्थी को एक शपथ पत्र भी दायर करना होगा और फिर तब उसके आवेदन को अंचल कार्यालय स्वीकार कर जाति प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया आगे बढ़ाएगी
3 पिछड़ा वर्ग अथवा अत्यंत पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों को जाति प्रमाण पत्र बनवाने हेतु आवेदन के साथ 1978 के जमीनी कागजात जिसमें उनके जाति का भूलेख या क्या लगाना जरूरी होगा और इसके साथ सक्षम न्यायालय द्वारा शपथ पत्र भी दायर करना होगा
4 साहिबगंज जिला अवसर विकसित भूमि होने के कारण झारखंड के अन्य जिलों के अपेक्षा यहां के छात्र छात्राओं को जाति प्रमाण पत्र बनाने में एक अलग परेशानी हो रही है आपको यहां पर बताना आवश्यक हो गया की झारखंड राज्य जब से अलग हुआ बिहार से उसकी कई वर्ष पूर्व से साहिबगंज जिला का जमीनों का सरकार द्वारा भू सर्वेक्षण नहीं कराया गया है भू सर्वेक्षण नहीं होना ऑल ऑटो और खाता क्षेत्रों का निर्धारण नहीं होना एक बहुत बड़ी चुनौती है और इसका सीधा और सबसे बड़ा असर इन छात्राओं के जाति प्रमाण पत्र बनाने को लेकर समस्या के रूप में सामने आ रही है अगर बात करें प्रतिशत का तो अधिकतर लोगों के पास इस जिले में इस प्रकार के अभिलेख नहीं मिल रहे हैं और फिर यहां पर सरकार की जो सोच है वह शिथिल बढ़ती जा रही है
5 साहिबगंज जिला में किस प्रकार की भूमि उपलब्ध है आपके लिए यह जानना भी आवश्यक होगा कि साहिबगंज जिला कि अधिकतर भूमि दान पत्र अथवा खरीद बिक्री नहीं होने वाली है वहीं दूसरी भूमि जो खास महल के रूप में चिन्हित है और कुछ अंश में इस जिले में निबंधित भूमि भी उपलब्ध है तो इस प्रकार सरकार और शिक्षा विभाग का एक बहुत ही महत्वपूर्ण योजना जाति प्रमाण पत्र बनाने का चल रहा है आप अपने स्कूल जाने वाले बच्चों का विभाग द्वारा जारी किए गए दिशा और गाइडलाइन के हिसाब से समय रहते जाति प्रमाण पत्र बनवाने ताकि उनके आगे की पढ़ाई लिखाई समेत अन्य प्रकार के सरकारी योजनाओं को लाभ मिलने में मदद प्राप्त हो सके।

पुरानी पेंशन चालू यहाँ पढ़े – Click

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
×